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Tuesday, 18 January 2022

AIYESHA HOMEO CARE

 Aiyesha Homeo care provide best treatment for kidney stone. Skin disease. Allergic rhinitis. Surgical disease. Gyne and geriatric and all type of chronic disease.

Homeopathic medicnie are completely safe without any side effects for all age & sex group. With permanent cure with ease and healthy feelingfeeling


Due to daily consumption of morbic and chemical substance in our food and medicnie. Our vital force become weak and less capable for annihilation and removal of any type of disease forme our body so I recommend to all of you that increase and boost yours immunity with homeopathic medicnie which also can defeat any type of flue like symptoms ex. CORONA. SARS. SWINE FLU. etc and many more.

AIYESHA HOMEO CARE PROVIDE BEST TREATMENT.






Thursday, 13 January 2022

Homeopathic medicine and treatment for Hernia in Hindi

 Dr। Aiyesha Ishrat

हर्निया की होम्योपैथिक दवा और इलाज -Homeopathic medicine and treatment for Hernia in Hindi

Tuesday, 11 January 2022

घर में जरूर रखें ये 5 होम्योपैथिक दवाएं, हर बीमारी का प्राथमिक इलाज है इनमें

 DR. AIYESHA ISHRAT

घर में जरूर रखें ये 5 होम्योपैथिक दवाएं, हर बीमारी का प्राथमिक इलाज है इनमें

हम आपको हमेशा काम आने वाली वो 5 होम्योपैथिक दवाएं बता रहे हैं जिनके रहते आपको छोटी-छोटी समस्याओं के लिए न ही आपको डॉक्टर के पास जाना पड़ेगा और न ही ज्यादा दवाएं खानी पड़ेगी।

5 Homeopathic Medicine:  

आम तौर पर घरों में लोग प्राथमिक उपचार लायक दवाएं और मरहम पट्टी आदि की व्यवस्था रखते हैं। इसमें अक्सर ये भी देखा जाता है कि काफी दिनों तक उसकी जरूरत न पड़ने पर दवाएं एक्सपायर भी हो जाती हैं। पर यदि आप आपात स्थिति के लिए कुछ होम्योपैथ की दवाएं रखेंगे तो ये हमेशा सही वक्त पर काम देंगे। और ये दवाएं कभी एक्सपायर भी नहीं होतीं। होम्योपैथी चिकित्सा एक्सपर्ट से पूछने पर उन्होंने ऐसी 5 दवाओं के नाम बताए जो हमेशा किसी घर में अगर रहे तो आपात स्थिति में राहत पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं कौन सी वो 5 होम्योपैथी की दवाएं हैं जो हर घर में होना चाहिए:

Arnica Montana 30 CH: दिनभर की थकान, कमर में दर्द, वदन दर्द और पैरों में दर्द जैसी तमाम समस्याओं के लिए आप इस दवा का प्रयोग कर सकते हैं। दिन में तीन से चार बार इस दवा की एक बूंद लेने से आप इस तरह की तमाम समस्याओं के निजात पा सकते हैं। स्कूल से आने के बाद अस्कर बच्चे भी कई बार वदन दर्द से परेशान रहते हैं तो उन्हें भी इसकी एक बूंद दे सकते हैं। ध्यान रहे ये दवा 30 CH की मात्रा में ही पिलाएं। यह दवा बाल झड़ने की रोकथाम के लिए भी लाभकारी है। इसे दिन में दो बार पीने से आपके बाल झड़ने भी बंद हो जाएंग

Nux Vomica Ch 30: अपज, गैस बनना, पेट में सूजन, दस्त, उल्टी जैसी तमाम डाइजेशन संबंधी बीमारियों के लिए आप इस दवा को से लकते हैं। अगर आपको रात को नींद नहीं आती है तो भी आप इस दवा का प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही डायरिया इसे भी 30 सीएच पोटेंसी में लें। डायरिया, इनसोमिया जैसी बीमारियों के लिए भी ये दवा काफी फायदेमंद है।

Aconitum Napellus 30 CH: यह दवा आपको सर्द-गरम यानी सर्दी खांसी, बुखार के लिए काफी इफेक्टिव है। ऐसी स्थिति में इस दवा को आप 2 बूंद हर एक घंटे ले सकते हैं। बच्चे भी अगर सर्द-गरम से परेशान हैं तो उन्हें हर घंटे एक बूंद देते रहें जब तक कि वे ठीक न हो जाएं। सर्दी- खांसी के अलावा घबराहट आना और सिर चकराने में भी यह दवा असरदार है।

Arsenic Album 20 CH: कई बार हम बाहर का खाने और शादी-बारात के खाने से फूड पॉइजन के शिकार हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में अगर आप इस दवा का प्रयोग करते हैं तो काफी रिलीफ मिलेगा। यह दवा आपको खराब खाने से पैदा हुई समस्या को तुरंत ठीक करने में कारगर है। इस मेडिसिन के जरिए आप फूड पॉइजन जैसी समस्या से 2 – 3 घंटे में ठीक हो सकते हैं। साथ ही यह दवा इचिंग यानी खुजली जैसी समस्या को भी दूर कर सकती है। बरसात के गंदे पानी से होने वाली समस्याओं से लड़ने में भी यह दवा काफी असरदार है।

Eupatorium Perfoliatum CH 30: ये दवा पेरासिटामोल की तरह असर करती है। शरीर में दर्द, बुखार, गले में इनफेक्शन में यह दवा काफी मददगार है। एक बूंद दिन में तीन से चार बार लेने से आपका बुखार उतर सकता है। सर्दी के लिए भी यह दवा काफी इफेक्टिव है।


होम्योपैथिक दवा ले रहे हैं तो जान लें ये नियम

 Dr. Aiyesha Ishrat

                BHMS 




जहां कुछ लोग बीमारियों का इलाज करने के लिए ऐलोपैथिक दवाओं का सहारा लेते हैं वहीं कुछ लोग होम्योपैथिक दवा भी खाते हैं। भले ही होम्योपैथिक ट्रीटमेंट थोड़ा लंबा चलता है लेकिन इससे बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है। साथ ही इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता।

दो तरह की होती है होम्योपैथिक दवा?

होम्योपैथिक दवा 2 तरह की होती हैं लोअर पोटेंसी और हायर पोटेंसी। लोअर पोटेंसी एक्यूट डिजीज जैसे सर्दी-जुकाम, एलर्जिक डिजीज जैसे अस्थमा, एक्जिमा आदि में दी जाती है। जबकि हायर का स्तर 6 से 1 लाख पोटेंसी तक होता है। इसमें अगर मरीज का स्वभाव बीमारी के साथ बदल रहा हो तो डॉक्टर उसे बदल देते हैं। लोअर पोटेंसी हफ्ते में 4-6 बार और हायर पोटेंसी हफ्ते या 15 दिन में लेनी होती है।

किन लोगों पर होता है ज्यादा असर?

होम्योपैथिक दवा का असर उन लोगों पर ज्यादा होता है जो शराब, गुटका, धूम्रपान का सेवन नहीं करते और हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करते हैं।

चलिए अब हम आपको बताते हैं दवा लेने के कुछ नियम

1. दवा लेने के बाद डिब्बी को कभी भी खुला ना छोड़ें।
2. अब होम्योपैथिक ट्रीटमेंट ले रहे हैं तो नशीली वस्तुओं से दूर रहें, नहीं तो इनका असर नहीं होगा।
3. इन दवाओं को कभी भी हाथ में लेकर नहीं खाना चाहिए। होम्योपैथिक दवाओं को ढक्कन की मदद से मुंह डालना चाहिए। 
4. दवा लेने के करीब 10 मिनट तक कुछ भी खाएं-पीएं नहीं। साथ ही ब्रश करने से भी बचें।
5. ध्यान रखें कि होम्योपैथिक खा रहे है तो कॉफी और चाय से दूरी बना लें।
6. होम्योपैथिक गोलियां लेने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप उन्हें जीभ के नीचे रखें या चूसें। कभी भी इन्हें पूरी तरह से न निगलें।
7. होम्योपैथिक दवाएं खा रही हैं तो ध्यान रखें कि अपनी डाइट से खट्टी चीजों को हमेशा के लिए आउट कर दे क्योंकि खट्टी चीजें खाने से दवाइयां अपना असर नहीं दिखा पाती और इलाज अच्छे से नहीं हो पाता। 









जब दें बच्चों को दवा

कुछ बच्चे इन दवाइयों का सेवन नहीं करते या फिर मुंह में लेकर थूक देते हैं। ऐसे में आप एक साफ व सूखी चम्मच के उपर दवाई रखकर उसे क्रश करें और फिर बच्चे को दें। कभी भी खाने के साथ दवाई खाने को न दें।

दवा स्टोर करने का सही तरीका

इन दवाइयों को लेने व स्टोर करने का एक तरीका होता है, जिससे आप 3 साल या उससे भी अधिक समय तक इन्हें स्टोर कर सकते हैं। चलिए आज हम आपको होम्योपैथी दवाइयों को लेने के सही तरीके के बारे में बता रहे हैं...

1. इन दवाइयों को आप कभी भी ऐसी जगह पर न रखें, जहां पर सूरज का प्रकाश आता हो।
2. इन्हें हमेशा ऐसी जगह पर स्टोर करें, जहां ठंड़ी हो। गर्म जगह पर इनका इसका लिक्विड उड़ जाता है।
3. इन्हें ऐसी जगह पर भी रखने से बचें, जहां पर तेज गंध जैसे परफयूम आदि का इस्तेमाल किया जाता हो।
4. आप इसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे माइक्रोवेव ओवन, इलेक्टानिक गैजेट्स या कंप्यूटर आदि

                अन्य दवाओं से न करें मिक्स

अगर आप हार्ट डिसीज, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज मरीज है या एपिलेप्सी दवा ले रहे हैं तो होम्योपैथीक लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। कभी इन दवा को मिक्स ना करें। साथ ही होम्योपैथी लेते वक्त किसी और दवा का भी सेवन करने से बचे।

                  डॉक्टर की सलाह भी जरूरी

होम्योपैथिक दवाओं का इलाज लेने वाले व्यक्ति डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही खान-पान रखना चाहिए क्योंकि आपकी जरा-सी गलती आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं। माना जाता हैं कि होम्योपैथिक दवाओं के साथ अदरक, लहसुन, प्याज जैसी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।


Monday, 10 January 2022

Dr. Aiyesha Ishrat

                BHMS होमियोपैथ

अपेंडिक्स की होम्योपैथिक दवा और इला


Table of Contents

हम इंडियंस खाने पीने के बहुत शौकीन होते हैं और बहुत बार बाहर का खाना खाने से पहले एक बार भी नहीं सोचते। पर क्या आपको पता है गलत खान पान की आदतों की वजह से हमा

रे पेट में दर्द, एसिडिटी और पेट की अनेक छोटी मोटी समस्याएं हो सकती हैं। अक्सर एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याओं को हम नजरंदाज कर देते हैं परन्तु यदि आप लगातार पेट और पीठ दर्द से पीड़ित हैं तो इसे हल्के में न लें, यह अपेंडिक्स का दर्द भी हो सकता है। Appendix Meaning in Hindi – अपेंडिक्स आँत का ही एक टुकड़ा होता है जो सामन्यतः छोटी आँत और बड़ी आँत के बीच में होता है, यह लगभग चार इंच लंबी एक पतली ट्यूब होती है जो पेट में दायीं ओर नीचे की तरफ होती है। जब व्यक्ति को लम्बे समय तक एसिडिटी, कब्ज या पेट में इन्फेक्शन की समस्या रहती है तो इस आंत में सूजन आ जाती है जो अपेंडिक्सके दर्द का कारण बनती है इसलिए आवश्यक है कि इसके लक्षणों (Appendix Ke Lakshan Hindi Mai) और कारणों के बारे में पता हो ताकि समय से इसका इलाज (Appendix Ka Ilaj) करा सकें। आइये जानते हैं अपेंडिक्स का मतलब क्या होता है, और इसके इलाज के लिए ऑपरेशन (appendix operation in hindi) आवश्यक हैं या नहीं?

अपेंडिक्स का मतलब हिंदी में – Appendix Meaning in Hindi

Appendix Meaning in Hindi: अपेंडिक्स 4 इंच लंबी ट्यूब के समान होता है। यह मनुष्य की बड़ी आंत के पहले भाग से जुड़ा हुआ होता है। वैसे तो अपेंडिक्स का कार्य अज्ञात है परन्तु एक सिद्धांत के अनुसार अपेंडिक्स अच्छे बैक्टीरिया के लिए भंडारगृह के रूप में कार्य करता है, जो डायरिया जैसी बीमारियों के बाद पाचन तंत्र को “रिबूट या पुनः सुचारु रूप से चलने में मदद” करता है। अन्य विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अपेंडिक्स हमारे शरीर का एक बेकार अवशेष है जो किसी योग्य नहीं होता।और यदि अपेंडिक्स को सर्जिकल तरीके से हटा दिया जाये तो इससे किसी तरह की कोई स्वास्थ्य समस्याएं नहीं होती हैं।

अपेंडिक्स कंडीशन

  1. एपेंडिसाइटिस: एपेंडिसाइटिस, अपेंडिक्स में सूजन, इन्फेक्शन या टूट फुट के कारण  (Appendix Ke Karan) होता है, जिसमे जी मिचलाना, और उल्टी के साथ पेट के दाहिने निचले हिस्से में तेज दर्द होता है। पुरुषों में एपेंडिसाइटिस का जोखिम लगभग 8.6 प्रतिशत होता है वहीं यदि आप एक महिला हैं तो आपको एपेंडिसाइटिस का जोखिम लगभग 6.7 प्रतिशत होगा।
  2. अपेंडिक्स का ट्यूमर: कार्सिनॉइड ट्यूमर उन रसायनों का स्राव करते हैं जो आवधिक निस्तब्धता, घरघराहट और दस्त का कारण बनते हैं। अपेंडिक्स में एपिथेलियल ट्यूमर की ग्रोथ होती है जो कैंसर हो सकता है। अपेंडिक्स ट्यूमर बहुत ही दुर्लभ हैं।

“इसका इलाज करने के लिए, डॉक्टर ऍपेन्डेक्टमी करके अपेंडिक्स को निकलते हैं।”



अपेंडिक्स के लक्षण – Appendix Ke Lakshan Hindi Mai

अपेंडिसाइटिस आमतौर पर एक जीवाणु संक्रमण या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण (Appendix Ke Karan) होता है।इन्फेक्शन आपके पेट में शुरू हो सकता है और अपेंडिक्स में फ़ैल सकता है।

एपेंडिसाइटिस के लक्षण (Appendix Ke Lakshan Hindi Mai) अलग-अलग तरह के हो सकते हैं। इनमे निम्न शामिल हैं:

  • पेट के निचले दाहिने हिस्से में दर्द
  • उल्टी
  • बुखार 
  • जी मिचलाना
  • नाभि के आस पास दर्द
  • कम भूख लगना

अपेंडिक्स के लिए टेस्ट – Appendix Ke Test

यदि आपको लगता है कि आपको एपेंडिसाइटिस है तो तुरंत अपने डॉक्टर के पास जायें। डॉक्टर आपकी स्थिति का निदान करने के लिए, आपसे आपके लक्षणों (Appendix Ke Lakshan) के बारे में पूछेंगे और एक फिजिकल टेस्ट करेंगे, इसके अलावा आपका डॉक्टर निम्न टेस्ट करने का भी आदेश दे सकते हैं –

  • चिकित्सा परीक्षा और मेडिकल टेस्ट: यह एपेंडिसाइटिस के लिए मैन परीक्षण होता है, यह पेट का एक सरल टेस्ट होता है जो एपेंडिसाइटिस का निदान करने का महत्वपूर्ण तरीका है। पेट की परीक्षा में परिवर्तन डॉक्टरों को यह बताने में मदद करता है कि क्या एपेंडिसाइटिस प्रगति कर रहा है या नहीं।
  • सीटी स्कैन (कंप्यूटेड टोमोग्राफी): इसमें सीटी स्कैनर एक्स-रे और एक कंप्यूटर की सहायता से अपेंडिक्स का विस्तृत चित्र बनाता है। एपेंडिसाइटिस में, सीटी स्कैन सूजन वाले परिशिष्ट को दिखा सकता है, और चाहे वह टूट गया हो।
  • अल्ट्रासाउंड: अल्ट्रासाउंड एपेंडिसाइटिस के संकेतों का पता लगाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है, जैसे कि सुजा हुआ अपेंडिक्स।
  • कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी): सफेद रक्त कोशिकाओं की बढ़ी हुई संख्या – इन्फेक्शन और अपेंडिक्स में सूजन का संकेत – अक्सर रक्त परीक्षण के दौरान एपेंडिसाइटिस पर देखा जाता है।
  • अन्य इमेजिंग टेस्ट: जब अपेंडिक्स में दुर्लभ ट्यूमर का संदेह होता है, तो इमेजिंग टेस्ट इसका पता लगा सकती है। इनमें एमआरआई, पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) , और सीटी स्कैन शामिल हैं ।

अपेंडिक्स का इलाज – Appendix Ka Ilaj

अपेंडिक्स का इलाज (Appendix Ka Ilaj) करने के लिए अधिकतर डॉक्टर सर्जरी या ऑपरेशन (Appendix Operation in Hindi) करते हैं परन्तु आधुनिक तकनीकों की वजह से इसका इलाज मात्र एंटीबायोटिक्स दवाओं के लेने से भी संभव हो चुका है। इसके इलाज (Appendix Ka Ilaj) निम्न प्रकार

हैं-




एपेन्डेक्टॉमी

एपेंडिसाइटिस के लिए सर्जरी ही एकमात्र इलाज (Appendix Ka Ilaj) है। डॉक्टर पारंपरिक तकनीक (एक बड़ी कटौती) या लैप्रोस्कोपी (कई छोटे कटौती और एक कैमरा का उपयोग करके अंदर देख सकते हैं) का उपयोग कर सकते हैं। अपेंडिक्स के ट्यूमर को हटाने के लिए भी सर्जरी की ही जरूरत होती है। यदि ट्यूमर बड़ा है, तो बृहदान्त्र के हिस्से को हटाने के साथ अधिक आक्रामक सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

Read Also: Laparoscopic Surgery FAQs

एपेन्डेक्टॉमी करने के लिए, डॉक्टर न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी, या लेप्रोस्कोपी करते हैं। न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी करने के लिए, आपका डॉक्टर आमतौर पर एक लंबे चीरे के बजाय दो या अधिक छोटे चीरों का उपयोग करके ऑपरेशन (Appendix Operation in Hindi) करता है। पारंपरिक “ओपन” सर्जरी की तुलना में, इसका परिणाम आमतौर पर बेहतर होते हैं जैसे:

  • कम समय के लिए अस्पताल में रहना
  • कम दर्द
  • जल्दी ठीक होना
  • जटिलताओं की कम दर

एंटीबायोटिक्स

यद्धपि एंटीबायोटिक्स किसी भी संभावित संक्रमण का इलाज (Appendix Ka Ilaj) करते हैं जो लक्षणों (Appendix Ke Lakshan Hindi Mai) का कारण हो सकता है परन्तु सामान्य तौर पर, अकेले एंटीबायोटिक्स एपेंडिसाइटिस का प्रभावी इलाज (Appendix Ka Prbhavi Ilaj) नहीं कर सकते हैं।

यदि एपेंडिसाइटिस उतना खतरनाक नहीं है तो सर्जरी के बजाय एंटीबायोटिक्स का उपयोग करने से जटिलताओं का खतरा कम से कम 31 प्रतिशत तक कम हो जाता है। यह कम खतरनाक एपेंडिसाइटिस के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प होता है।


TONSILLITIS

 TONSILITIS

A 14yr old male
suffering from painful throat
aggravation by degulitation cold coughsiching pain in Tonsilitis
avoided 
pt should be avoided cold things curd banana ice rises  etc









uses

hit & tapid water drinking

gurgurling in hit water in mixing with Salt 2 $3time / day then uses of medicine 

Bc

Bell

Ms is best medicine for tonsilitis

but in chorinic tonsilitis  Baryta Mur 200 ig best medicine  in some months he us cured..

Saturday, 26 September 2020

HYPERTENSION

             Rauwolfia serpentina  

              



Most frequently used homoeopathic medicine for Hypertension

  • One of the most often and popularly used homoeopathic drug for Hypertension
 
  • Also alleviates its associated symptoms such as irregular beats, increased emotional excitability, irritability and restlessness
                                              


  • Contains well known alkaloid reserpine, known for its hypotensive and neuro-depressive activities.

  • Literature suggests that it also acts on the hypothalamus to reduce blood pressure. 

Sunday, 16 August 2020

How Homeopathy Helps ?

 👉



Advantages of Using Homoeopathy


It cures diseases in perfect, prompt and pleasant manner.
No effective allopathic alternative exists
There are many clinical conditions for which there are no effective allopathic treatments. On a daily basis, we find ourselves unable to come up with a cure or even a treatment, for both acute and chronic diseases. Homoeopathy remains the only option.

It prevents relapses as to remove the tendency of diseases.
Many surgical cases are treated successfully.
The clinical situation makes an allopathic option unsafe.


Pregnancy, breast feeding, impaired renal or hepatic function often requires that the allopathic option to be chosen only with great care. Homoeopathic remedies are completely safe in these areas. They can be used without risk of toxicity.

The side - effect profile of the allopathic option makes it unacceptable
Many allopathic drugs are toxic or have side - effects. Non - steroidal anti-inflammatory are notorious for their damaging effects on the gastrointestinal tract. Homoeopathic remedies have no such side effects or toxicity.

It is cost effective.
Reduction in amount of chronic allopathic treatment.
Many chronic conditions can be suppressed with allopathic drugs to enable an improved quality of life and even life expectancy. However, all allopathic drugs are toxic and the often attempt to find long term remedy regimes which involve the smallest amounts or shortest courses of these necessary remedies.

A good example of this is Asthma where steroids have shown enormous benefits but due to their toxicity , it is important to use as little of them as possible while allowing the patient to receive the maximum benefit . In the situation, homoeopathic remedies can be used to minimize the need for the more toxic drugs, in a complimentary manner.

Diseases beyond the reach of other systems of Medicine are cured by Homeopathy. Homeopathic drugs are tested on healthy human beings before being applied hence they are very safe.


HOMEOPATHY और DIABETES

          



           Diabetes overview

 Diabetes is a condition in which sugar (glucose) builds up in the bloodstream. Problems with insulin production and function lead to this condition.

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